क्या आपके पेट के दाहिने ऊपरी भाग और पेट के मध्य भाग में अचानक दर्द होना सुरू हो जाता है? यह पित्ताशय का दोष होणे का संकेत हो सकता है। ये पथरी पाचन द्रव का जमाव है जो आपके पित्ताशय में बन सकता है।
पित्त दोष के कारण क्या हैं?
अगर आपके मन में ये सवाल चल रहा है कि, आखीर पित्त दोष क्यू होता हैं? उसके कारण क्या हैं तो घब राईये नहीं। हम आपको पित्त दोष के जो कारण है है वो कारण आपको बताने जा रहे हैं वैसे तो ये पित्त दोष पुरुष और महिला दोनो को होता है लेकीन इसकी सबसे ज्यादा समस्या पुरुष से ज्यादा महिलाको होतें दिखाई देती है।
- अधिक वजन बढने के कारण
- उच्च कोलेस्ट्रॉल होणे के कारण
- बहुत वसा वाला खाना के कारण
- तेजी से वजन कम होने के कारण भी होता है
- 60 वर्ष से अधिक उम्र हो जाये तो भी ये समस्या हो सकती है।
पित्त दोष का होम्योपैथिक मेडिसिन द्वारा इलाज
पित्त दोष के मामले में आपको उसे घोलकर निकालने की आवश्यकता होती है। पित्ताशय की पथरी के इलाज करने के बहुत से तरीके है लेकीन इससे या तो गलत प्रभाव पडता हैं या तो वह पुरी तरह से ठीक नहीं होता। लेकीन इसके लिये होम्योपैथीक को सबसे अच्छा तरीका माना जाता है। क्योंकी होम्योपैथी छोटे और मध्यम आकार के पित्ताशय को बड़ी सफलतापूर्वक घोल देती है और पित्ताशय को हटाने से बचने में आपकी मदद भी करती है।
होम्योपैथी पित्ताशय की थैली के हमलों में तेजी से दर्द से राहत प्रदान करती है और इसका उपयोग पित्त संबंधी शूल की रोकथाम और उपचार के लिए किया जा सकता है। दवाएँ प्राकृतिक, प्रभावी हैं और इनका कोई दुष्प्रभाव नहीं है। पित्ताशय की थैली हटाने वाले रोगियों में होम्योपैथी सर्जरी के बाद पाचन विकारों को कम कर सकती है। यहां शीर्ष होम्योपैथिक दवाओं की सूची दी गई है, जो पित्ताशय की पथरी को घोलने और निकालने में मदद करती हैं:
चेलिडोनियम
यह पित्ताशय की पथरी के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली एक प्रभावी होम्योपैथिक दवा है। यह पित्त नलिकाओं में रुकावट होने पर पथरी और पीलिया के कारण होने वाले दर्द का भी इलाज करता है। दवा का उपयोग तब किया जाता है जब त्वचा पीली हो जाती है, मल मिट्टी के रंग का हो जाता है और मूत्र गहरा हो जाता है। रोगी को गर्म पेय पीने की इच्छा हो सकती है। यह दवा गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में पित्ताशय की समस्याओं के लिए भी कारगर साबित हो सकती है।
लाइकोपोडियम
एसिडिटी, फूला हुआ पेट या पेट में गैस जैसे गैस्ट्रिक लक्षणों के साथ होने पर यह दवा पित्ताशय की पथरी के लिए सबसे अच्छा प्राकृतिक इलाज है। थोड़ा सा भोजन करने पर भी पेट में खिंचाव हो सकता है। पेट में गैस घूमती है और उसका बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। एसिडिटी होने की संभावना है, जो स्टार्च से पेट फूलने वाले भोजन लेने से और बढ़ जाती है। रोगी की भूख कम हो सकती है और मीठे और गर्म पेय की लालसा बढ़ जाती है।
कैल्सेरिया कार्ब
यह पित्ताशय की पथरी के लिए एक और प्रभावी होम्योपैथिक दवा है। इसका उपयोग ज्यादातर मोटे रोगियों के मामले में किया जाता है जिनका शरीर ढीला और चर्बीयुक्त होता है। पेट कठोरता और फैलाव के साथ अतिरिक्त वसा से भरा होता है। सिर पर अत्यधिक पसीना आना और ठंडी हवा के प्रति संवेदनशीलता बढ़ना अन्य लक्षण हैं। रोगी को उबले अंडे या नींबू, चाक और पेंसिल जैसी असामान्य चीजें खाने की इच्छा हो सकती है। वह गर्म भोजन से परहेज कर सकता है और मीठे पेय की लालसा कर सकता है। इस दवा का उपयोग खट्टी डकार और खट्टी उल्टी से राहत दिलाने में भी किया जाता है।
कार्डुअस मारियानस
पित्ताशय की सूजन के मामले में यह एक बहुत प्रभावी दवा है। पेट के दाहिने ऊपरी हिस्से में दर्द का अनुभव होता है और इसके साथ मतली और जलते हुए तरल पदार्थ की उल्टी भी होती है। यह पित्त की पथरी में जो पीलिया होता है उसका भी इलाज करता है।
फॉस्फोरस
इस होम्योपैथिक दवा का उपयोग पित्ताशय की पथरी के रोगियों के लिए किया जाता है, जो किसी भी भोजन के बाद खट्टी डकार और उल्टी का अनुभव करते हैं। रोगी को अपने आहार में कोल्ड ड्रिंक, चिकन, आइसक्रीम और मछली पसंद होगी।होम्योपैथिक दवाएं बिना किसी दुष्प्रभाव के पित्ताशय की पथरी का प्रभावी ढंग से इलाज करती हैं। अगर आपको पित्ताशय के दोष दिखाई दे रहे हैं तो फिर आपको होम्योपैथिक चिकित्सक से सलाह जरूर लेनी चाहिए।
Conclusion
तो दोस्तों हमने आपको अल्कोहोल पित्त दोष का होम्योपैथिक मेडिसिन द्वारा इलाज इस article के माध्यम से आपको हमने बताया है की आखीर कैसे आप अपने पित्त दोष का होम्योपैथिक मेडिसिन द्वारा इलाज कर सकते हो। अगर आपको हमारा यह article कैसा लगा ये हमें comment में जरूर बताये और साथ साथ ही अपने दोस्तों के साथ और अपने परिजनो के साथ share करना ना भुले।