एसिडिटी

हाइपर एसिडिटी(Hyperacidity)

हाइपर एसिडिटी(Hyperacidity) को चिकित्सकीय रूप से गैस्ट्रो-एसोफेजियल रिफ्लक्स डिजीज (जीईआरडी) के रूप में जाना जाता है। जब हम भोजन निगलते हैं, तो यह ग्रासनली से होते हुए पेट में जाता है। जहां घेघा पेट से मिलती है वहां एक गोलाकार वाल्व होता है। दवा जब खाना पेट में पहुंचता है तो यह वॉल्व पूरी तरह से बंद हो जाता है। लेकिन कुछ व्यक्तियों में यह वॉल्व थोड़ा ढीला हो जाता है और पेट का एसिड इसोफेगस में प्रवाहित हो जाता है, यह सीने में जलन का कारण बनता है। यदि कोई व्यक्ति सप्ताह में कम से कम दो बार इसका अनुभव करता है, तो वह जीईआरडी या हाइपरएसिडिटी से पीड़ित है।

पेट भर जलन होना, कई बार छाती में  सूजन होना  भी दिखाई दी  जाती है। अक्सर एसिडिटी की समस्या जब हद से ज्यादा बढ़ जाती है तो मुंह तक खट्टा पानी गले में आ जाता है और उल्टी होने लगती है।

भोजन निगलने में कठिनाई। खाते-खाते सीने में घास लग गई हो ऐसा मालूम पड़ता है । भूख धीमी हो जाती है। खाने के तुरंत बाद पेट भरा हुआ महसूस होता है। सीमित खाना खाने के बाद भी पेट फूला हुआ महसूस होना। लगातार डकार आना, हिचकी, कुछ रोगियों का वजन कम होने लगता है।

एसिडिटी(acidity) में लगातार मिचली आना। दुर्लभ मामलों में, लाल या खूनी उल्टी होती है। उस समय मल काला हो जाता है।

एसिडिटी की समस्या पर होम्योपैथिक इलाज

एसिडिटी की समस्या पर होम्योपैथिक इलाज बहुत असरदार होता है l

रोगी के लक्षणों के आधार पर होम्योपैथिक दवा दी जाती  है। रोग के कारण और सीमा को समझने के लिए रोगी का इतिहास , जीवनशैली आदी पर परीक्षण द्वारा किया जाता है।

  1. कार्बो वेज – चाय, कॉफी, किण्वित खाद्य पदार्थों के साथ-साथ शराब और मांस का अधिक मात्रा में सेवन करने वाले लोगों को पेट की समस्या होने पर कार्बो वेज उपयोगी होता है।
  2. अर्जेन्टम नाइट्रिकम – लगातार मानसिक तनाव में रहने वाले जिन लोगों के पेट में जलन, लगातार डकारें आना और पेट फूलना महसूस होता है तथा जो मीठा खाना पसंद करते हैं उन्हें मीठा खाने पर अतिसार या दस्त की समस्या हो जाती है तो अर्जेन्टम नाइट्रिकम औषधि की 30 शक्ति का सेवन करने से आराम मिल सकता है।
  3. ब्रायोनिया अल्बा – जिन व्यक्तियों को खाने के बाद लगातार कमजोरी, चिड़चिड़ापन, मतली और उल्टी के साथ पूरे शरीर में सूखापन का अनुभव होता है। इस दवा से हाइपरसेंसिटिव डाइजेस्टिव सिस्टम वाले लोगों को फायदा होता है।
  4. नक्स वोमिका – लगातार बैठे-बैठे काम करने और मानसिक तनाव के कारण चाय और कॉफी के अधिक सेवन से होने वाली समस्याओं में यह दवा कारगर है।
  5. आर्सेनिक एल्बम – यह दवाई पेट के सभी विकारों में बहुत असरदार है। चाय और कॉफी के सेवन से होने वाली एसिडिटी की समस्या में यह फायदेमंद है।

हाइपर  एसिडिटी के लक्षण होने पर होम्योपैथिक चिकित्सक से परामर्श के बाद ही इलाज शुरू करना चाहिए। क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति की खुराक लक्षणों के अनुसार अलग-अलग होती है।

होमियो केयर क्लिनिक:

डॉ. वसीम चौधरी अपनी टीम के साथ विभिन्न विकारों के कई रोगियों का सफलतापूर्वक इलाज किया है। डॉ. वसीम चौधरी पुणे के एक प्रसिद्ध होम्योपैथ और सर्वश्रेष्ठ होम्योपैथी चिकित्सक हैं। उन्होंने अपनी विशेषज्ञ टीम के साथ होमियो केयर क्लिनिक शुरू किया है। होम्योपैथी क्लीनिक की यह श्रृंखला पूरे पुणे में फैली हुई है। इसमें विविध क्षेत्रों के विशेषज्ञ डॉक्टर इलाज करते हैं। यदि आप अधिक जानकारी चाहते हैं, तो आज ही पुणे में केंद्र मे भेट दे सकते है l